2024

रक्षाबंधन केवल एक त्यौहार नहीं है; यह भाई-बहन के रिश्ते का एक सुंदर उत्सव है जो समय और परंपरा को पार करता है। 

HAPPY

इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का भी साया रहेगा। इस साल रक्षाबंधन त्यौहार पर सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 1 बजकर 32 मिनट तक भद्रा का प्रकोप रहेगा। क्योंकि भद्रा काल में बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध पायेंगी। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है।  

उल्लेख विभिन्न पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं इस प्रकार हैं: 

1. इंद्र और इंद्राणी की कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान जब इंद्र देवता दानवों से हारने लगे तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने उनके हाथ पर एक धागा बांधा। इस धागे की शक्ति से इंद्र ने युद्ध में विजय प्राप्त की। इस कथा में इस धागे को रक्षा सूत्र कहा गया, जो बाद में रक्षाबंधन के रूप में प्रचलित हुआ।

2. कृष्ण और द्रौपदी की कथा: महाभारत के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया तो उनके हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा। यह देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। इस प्रेम और देखभाल के बदले कृष्ण ने द्रौपदी को यह वचन दिया कि वे हमेशा उनकी रक्षा करेंगे। यही वचन बाद में चीरहरण के समय सच साबित हुआ।

3. यम और यमुनाजी की कथा: एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज और उनकी बहन यमुनाजी के बीच गहरा स्नेह था। यमुनाजी ने यमराज को राखी बांधकर उनके जीवन की लंबी आयु की कामना की। यमराज ने खुश होकर उन्हें अमरता का वरदान दिया और वचन दिया कि जो भी भाई अपनी बहन से राखी बंधवाएगा उसे लंबी उम्र और सुख-समृद्धि प्राप्त होगी।

आप इस रक्षाबंधन का आनंद लें, अपने जीवन के विशेष संबंधों की सराहना करने का एक पल निकालें और अपने प्रियजनों के साथ नई यादें बनाएँ।

-:शुभ रक्षाबंधन!:-