धनतेरस 2024 (Dhanteras 2024: Celebration of Wealth and Prosperity)

धनतेरस 2024(Dhanteras 2024): समृद्धि, स्वास्थ्य और शुभता का पर्व

हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है-धनतेरस, जो दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन होता है। 2024 में, यह पर्व 29 अक्टूबर को मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए विशेष माना जाता है और इसे भारतीय संस्कृति में धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति का पर्व माना जाता है।

धनतेरस का महत्व

धनतेरस का अर्थ ही धन और तेरस से मिलकर बना है जिसमें ‘धन’ का मतलब है संपत्ति और ‘तेरस’ का मतलब है तेरहवां दिन। यह पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसी कारण यह दिन विशेष रूप से धन, आरोग्य और दीर्घायु के लिए शुभ माना जाता है।

धनतेरस

भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व

आयुर्वेद के देवता और चिकित्सा के जनक माने जाते हैं-भगवान धन्वंतरि। धनतेरस के दिन उनकी पूजा करने से स्वस्थ और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन चिकित्सा उपकरण, औषधियां और चिकित्सा से जुड़ी वस्तुओं की खरीदारी को भी शुभ माना जाता है।

धनतेरस

भगवान धन्वंतरि कौन थे?

भारतीय पौराणिक कथाओं में आयुर्वेद के देवता और चिकित्सा विज्ञान के जनक के रूप में भगवान धन्वंतरि को माना जाता है। वे समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उनका जन्म देवताओं और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के 14 रत्नों में से एक के रूप में हुआ था। धन्वंतरि का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और सुंदर माना जाता है और उन्हें चार हाथों वाले भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजा जाता है।

भगवान धन्वंतरि ने आयुर्वेद का ज्ञान देकर मानव जाति को रोगों से मुक्ति दिलाने का मार्ग बताया। उनकी पूजा विशेष रूप से धनतेरस के दिन की जाती है जब लोग स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं। इसके अलावा, धनतेरस के दिन चिकित्सा से संबंधित वस्तुएं खरीदना और उनका पूजन करना भी शुभ माना जाता है।

धन्वंतरि जयंती के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से आरोग्य, समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। यह दिन चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि वे भगवान धन्वंतरि को अपना आदर्श मानते हैं।

धनतेरस पर खरीदारी का महत्व

यह पर्व विशेष रूप से खरीदारी के लिए जाना जाता है। इस दिन सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने का रिवाज है। माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं घर में धन और समृद्धि लाती हैं। इस दिन नए बर्तन या सोने-चांदी के आभूषण खरीदना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर खरीदारी का महत्व

धनतेरस की तैयारी और पूजा विधि

इस अवसर पर लोग अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं। माना जाता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ और सुंदर घरों में ही प्रवेश करती हैं। धनतेरस की पूजा में भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। पूजा विधि में सबसे पहले साफ-सुथरी जगह पर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी जी और धन्वंतरि जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित किया जाता है। इसके बाद दीप जलाकर, गंध, पुष्प, धूप और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।

धनतेरस की तैयारी और पूजा विधि

धनतेरस और दीपावली की कड़ी

दिवाली के उत्सव की शुरुआत धनतेरस से ही होती है। अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, फिर मुख्य दिवाली, गोवर्धन पूजा और अंत में भाई दूज मनाया जाता है। धनतेरस के दिन घर की खुशहाली के लिए दीया जलाने का भी विशेष महत्व है। इस दिन दीया जलाकर मां लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है कि वे घर में प्रवेश करें और पूरे वर्ष घर में समृद्धि बनी रहे।

धनतेरस और दीपावली की कड़ी

धनतेरस के  तिथि व शुभ मुहूर्त

2024 में धनतेरस को 29 अक्टूबर को मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। इस दिन पूरे दिन पूजा और खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। हालाँकि, शाम के समय, विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद, पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

धनतेरस का शुभ मुहूर्त 06ः25pm से 08ः08pm तक रहेगा। जिसकी अवधि 1 घण्टा 43 मिनट की होगी।

धनतेरस से जुड़ी लोक कथाएं

इससे जुड़ी कई लोक कथाएं प्रचलित हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, एक राजा की मृत्यु उसके पुत्र के विवाह के चौथे दिन होनी थी। इस भविष्यवाणी से डरकर उसकी पत्नी ने एक योजना बनाई। उसने उस दिन अपने घर के दरवाजे पर कई सारे आभूषण और दीपक जलाए और अपने पति को पूरी रात जागते रहने के लिए कहा। यमराज जब उनके पास आए तो दीपकों की रोशनी और आभूषणों के चमक से प्रभावित हुए और घर में प्रवेश नहीं कर पाए। इस प्रकार राजा के पुत्र की जान बच गई। इस घटना के बाद से धनतेरस पर दीप जलाने का प्रचलन शुरू हुआ।

धनतेरस की आधुनिक प्रथाएं

समय के साथ, इसकी परंपराएं भी बदलती जा रही हैं। अब लोग सिर्फ सोना-चांदी ही नहीं, बल्कि गाड़ियों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य महंगी वस्तुओं की भी खरीदारी करते हैं। इसके अलावा अब ऑनलाइन शॉपिंग का भी प्रचलन बढ़ता जा रहा है जिससे लोग अपने घर बैठे ही खरीदारी कर सकते हैं।

धनतेरस और पर्यावरण की सुरक्षा

हमें पर्यावरण की सुरक्षा का भी ध्यान धनतेरस के अवसर पर रखना चाहिए। जिस प्रकार लोग इस दिन बड़ी मात्रा में दीप जलाते हैं हमें ध्यान रखना चाहिए कि इन दीपों का उचित तरीके से निपटान किया जाए। इसके अलावा हमें ऐसे बर्तनों और आभूषणों की खरीदारी करनी चाहिए जो पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाते हों।

धनतेरस पर निवेश

इस दिन निवेश करने को भी शुभ माना जाता है। इस दिन लोग सोने, चांदी और जमीन-जायदाद में निवेश करते हैं। इसके साथ ही अब लोग म्यूचुअल फंड्स, शेयर मार्केट और अन्य वित्तीय योजनाओं में भी निवेश कर रहे हैं। यह दिन नए वित्तीय योजनाओं की शुरुआत के लिए भी शुभ माना जाता है।

धनतेरस का संदेश

धनतेरस का पर्व हमें यह संदेश देता है कि हमें अपने जीवन में स्वास्थ्य और धन दोनों का समान महत्व देना चाहिए। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समृद्धि का असली अर्थ सिर्फ भौतिक संपत्ति से नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य और संतुलित जीवन से है।

समापन

यह पर्व भारतीय समाज में विशेष महत्व रखता है। यह दिन सिर्फ खरीदारी या पूजा का नहीं बल्कि अपने जीवन को समृद्ध और स्वास्थ्यवर्धक बनाने का भी है। 2024 में धनतेरस का पर्व और भी विशेष होगा क्योंकि यह हमें नई उम्मीदों और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का मौका देगा। आइए, इस धनतेरस हम सब मिलकर भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाएं।

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